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2019 - एक यादगार वर्ष

2019 - एक यादगार वर्ष.

किसी भी परियोजना को वास्तिविकता का रूप देने के लिए उसके आधार का दृढ़ होना जरूरी है | इन्ही विचारो को ध्यान में रखते हुए, भारत की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसपर पिछले कुछ वर्षों से सफलतापूर्वक कार्य चल रहा है, ने इस वर्ष भी कई उपलब्धियां हासिल की |परियोजना के आधार को मजबूत बनाने में संस्थान के अधिकारियों की सम्पूर्ण निष्ठा और जापानी अभियंताओं की कार्यकुशलता की बदौलत जमीन अधिग्रहण, वडोदरा ट्रेनिंग संस्थान का निर्माण, पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण, कौशल विकास कार्यक्रम, नए स्टेशनों की बनावट में सहयोग सहित कई महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण किए गए | जिससे यह परियोजना तेजी से वास्तविकता का रुप ले रही है |

 

संयुक्त माप सर्वेक्षण, जमीन अधिग्रहण एवं सहमति शिविर

साल 2019 में एनएचएसआरसीएल ने संयुक्त माप सर्वेक्षण (जे. एम. एस) का 93 प्रतिशत कार्य पूरा किया। वहीं जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत परियोजना के लिए आवश्यक भूमि में से 50 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिकृत कर ली गई है। गुजरात के दो बड़े शहर वडोदरा और खेड़ा में भूमि अधिग्रहण के आंकड़े 80% को छू चुके हैं। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुचारु ढंग से चलाने के लिए करीब 1625 सहमति शिविर लगाए गए, जहां परियोजना प्रभावित परिवारों की सहमति से जमीन अधिग्रहण संबंधित कागजी कार्यवाही की जा रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परियोजना का कार्य किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

आधारभूत संरचनाएं

गत वर्ष में एनएचएसआरसीएल द्वारा गुजरात और मुंबई में बनने वाले 12 बुलेट ट्रेन स्टेशनों में से 6 स्टेशनों सहित 70% सिविल कार्यों के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं। वर्ष 2019 का अंत होते-होते एनएचएसआरसीएल ने छायापूरी के लोगों को नए स्टेशन का उपहार भी दे दिया है। छायापूरी स्टेशन के पुनर्निर्माण हेतु पश्चिम रेलवे को आर्थिक सहयोग कर एनएचएसआरसीएल ने इस कार्य को पूरा किया है। साथ ही साथ वडोदरा में बनाए जा रहे हाई-स्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान की छात्रावास भवन एवं प्रशिक्षण गृह का निर्माणकार्य पूरा हो गया है। यहां परियोजना से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रस्तावित साबरमती हाई स्पीड रेल स्टेशन के समीप बनने वाले साबरमती हब की इमारत का निर्माणकार्य भी प्रगति पर है।

पर्यावरण संरक्षण

परियोजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार से प्राकृर्तिक संसाधनों का अवव्यय न हो इसका भी ख़ास ख्याल रखा जा रहा है, जिसके तहत विशेष प्रकार की मशीनों के द्वारा परियोजना के मार्ग में आने वाले वृक्षों को जड़ सहित एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोपित किया जा रहा है | साथ ही साथ जिन वृक्षों को स्थान्तरित करना संभव नहीं है, उन वृक्षों के स्थान पर अधिकतम पेड़ों की रोपाई की जा रही है | एनएचएसआरसीएल यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि वर्षा जल का भी उपयोग सही प्रकार से हो सके, जिसके लिए हरित डीपो बनाने के लिए संस्थान अग्रसित है | इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा चलाया गया हाफ गिलास फुल अभियान भी आगंतुकों एवं कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय रहा | इस अभियान के तहत संस्थान ने जल की व्यर्थ बर्बादी को रोकने के लिए एक नयी पहल करी, जिसमे कर्मचारियों और आगंतुकों को पहले आधा गिलास पानी ही परोसा जाता था एवं उसके बाद उनकी आवश्यकता अनुरूप और जल प्रदान किया जाता था |

प्रशंसा और पुरस्कार

परियोजना के अधीन लिडार तकनीक को सफलतापूर्वक अपनाने के लिए एनएचएसआरसीएल को जियोस्पैक्टिकल एप्लीकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है।इसके अलावा परियोजना के सफल संचालन के लिए प्रबंध निदेशक श्री अचल खरे जी को भी ए.पी.जे अब्दुल कलाम इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया । इसके अतिरिक्त विश्व बैंक के अधिकारियों द्वारा विचार विमर्श एवं माननीय रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगडी जी द्वारा हाई स्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारियों का उत्साहवर्धन करना भी इस वर्ष के प्रशंसनीय कार्यों की सूची में विशेष स्थान रखता है |

कौशल विकास कार्यक्रम

परियोजना की महत्वपूर्ण धुरी वह लोग है जिनके योगदान के बिना बुलेट ट्रेन परियोजना का फलीभूत होना संभव नहीं था और वह लोग है इस परियोजना में अपनी जमीन देने वाले परिवार | उन्ही परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए एनएचएसआरसीएल द्वारा इनकम रेस्टोरेशन प्लान (आई. आर. पी) चलाये जा रहे है जिसमे टैली एवं अकॉउंटिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर, ब्यूटी कोर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी मदद से कई महिलाओं को सरकारी संस्थानों में अस्थायी नौकरी एवं अनेकानेक लोग इन कार्यक्रमों की मदद से उद्यमिता की ओर अपना पहला कदम बढ़ाने की ओर अग्रसर है, साथ ही साथ ये सभी अपने परिवार एवं आस पास के कई परिवारों के लिए एक मिसाल बनकर सामने आये है |

बहरहाल इस बीते वर्ष में एनएचएसआरसीएल ने भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना को इसका आधार प्रदान कर दिया है और इस नए वर्ष के साथ कार्यों की गति में और भी तीव्रता आने की संभावना है। देश को उन्नति एवं सफलता की नई ऊंचाईयों तक ले जाने वाली यह परियोजना देश में आधुनिक तकनीक का ऐसा नमुना साबित होगी, जिसके चलते अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि और भी बेहतर बन जाएगी।