Skip to main content

बुलेट ट्रेन और आर्थिक विकास की संभावनाएं - एक परिचय

बुलेट ट्रेन और आर्थिक विकास की संभावनाएं - एक परिचय

भारत की गिनती दुनिया के विकासशील देशों में होती है जोकि बीते कुछ सालों में विश्व की आर्थिक शक्ति के रुप में अपनी पहचान बनाने में सफल साबित हुए हैं। देश में फैली आधुनिकीकरण की लहर के चलते न केवल भारत का सामाजिक उत्थान हुआ है बल्कि आर्थिक बढ़ोतरी ने लोगों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाया है। हर गुजरते वर्ष के साथ देश में विकास एवं सुविधा के नए आयाम बनते जा रहे हैं, फिर चाहे वह रोज़गार के अवसर पैदा करने वाली स्वदेशी एवं विदेशी कंपनियां हो या फिर आवागमन को सुविधाजनक बनाने वाली बुलेट ट्रेन, जो आने वाले कुछ ही वर्षों में देश में दौड़ती नजर आएगी।

बुलेट ट्रेन परियोजना भारत की अब तक की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। बुलेट ट्रेन के पहले चरण में इसे अहमदाबाद से मुम्बई मार्ग पर शुरु करने का फैसला लिया गया है, जिससे अहमदाबाद से मुम्बई के बीच की 508 कि.मी की दूरी को यात्री 320 कि.मी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन से मात्र 2 घंटे 7 मिनट में तय कर लेंगे।

मुम्बई से अहमदाबाद तक चलने वाली बुलेट ट्रेन कुल 12 स्टेशनों से होकर गुजरेगी, जिनमें साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरुच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, विरार, ठाणे और बांद्रा कुरला कॉम्पलेक्स (मुंबई) शामिल है। परियोजना के अधीन इन सभी क्षेत्रों में विकासशील कार्य होंगे, जिससे न केवल औधोगिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि यह परियोजना इन क्षेत्रों में शैक्षिक एवं रोजगार, पर्यटन व बुनियादी सुविधाओं के ढांचे को भी बेहतर बनाने में कारगर साबित होगी।

औद्योगिक विकास

चाहे वह मुंबई का बांद्रा कुरला कॉम्पलेक्स हो जो कि एक कॉर्पोरेट हब के रुप में जाना जाता है और जहां देश के कई बड़े सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के मुख्यालय/ कार्यालय स्थित है या फिर सूरत का हीरा और कपड़ा उद्योग, बुलेट ट्रेन परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत मुंबई - अहमदाबाद मार्ग पर होने वाली व्यावसायिक स्तर की यात्राओं के समय में कटौती आयेगी जिससे कि पैसे की बचत होगी I साथ ही एम् एम् आर डी ए (MMRDA) के अंतर्गत आने वाले बोइसर, विरार और ठाणे जहां 1500 के करीब मध्य स्तरीय उद्योग और लगभग 1800 लघु उद्योग चल रहे हैं और गुजरात राज्य के वापी, भरुच, वड़ोदरा, आनंद, और अहमदाबाद जहां खाद्य, फार्मास्यूटिकल एवं रासायनिक उद्योग अपने चरम पर है, वहां मेक इन इंडिया के तहत नए उद्योग विकसित होंगे जो भारत के सकल घरेलु उत्पाद (जी. डी. पी.) को ऊपर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे |

प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार

बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत रूडसेट तथा अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर परियोजना प्रभावित लोगों एवं उनके परिवार के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिससे वह सभी लोग स्वरोजगार की ओर प्रेरित हो रहे है | मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के अधीन व्यापक स्तर पर कार्य चल रहे है जिसमे काफी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहें है | शैक्षणिक एवं चिकित्सिकिय सुविधाओं और संस्थानों में बढ़ोतरी होने से आय एवं रोजगार के नए अवसर मिलेंगे जो लोगों को आजीविका के नए साधन उपलब्ध कराएगी |

पर्यटन व्यवसाय

मुम्बई के पर्यटक स्थल जैसे गेटवे ऑफ इंडिया, नरीमन पॉइंट, कोलाबा कोस्वे और सिद्दी विनायक या फिर ठाणे की झीले, वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस या फिर भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री श्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देती विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्टेचू ऑफ़ यूनिटी, सूरत का डुमस तट, एवं अहमदाबाद की कणिका झील हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे है परन्तु यात्रा में लगने वाला समय कही न कही पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करता ही है | बुलेट ट्रेन परियोजना के आ जाने से मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा को पर्यटक 3 घंटे से भी कम समय में पूरी कर, इन क्षेत्रों के पर्यटक स्थलों का भ्रमण सुविधापूर्वक और सरलता से कर पाएंगे, जो यहां के पर्यटन व्यवसाय के उत्थान के लिए फायदेमंद साबित होगा |

मूलभूत विकास

किसी भी परियोजना की सफलता या असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस प्रकार परियोजना के आसपास के क्षेत्रों की आधारभूत संरचनाओं के विकास में योगदान करती है और मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना अभी से इस बात की पुष्टि करती है कि यह भारत की सफलतम परियोजनाओं में से एक है | परियोजना की शुरुआत से ही भूमि अधिग्रहण के लिए जिस प्रकार राजस्व विभाग द्वारा जारी की गयी सरकारी दरों (जंत्री दर) से ज्यादा अनुदान दिया गया और परियोजना प्रभावित लोगो की आर्थिक मदद करके उनको मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की गयी, यह इस परियोजना की कुछ विशिष्टाओं में से एक है |

परियोजना के आरम्भ में ही व्यावसायिक और निजी भूमि पर निर्माण कार्यो में तेजी एवं बाजार मूल्यों में इजाफा इस बात की ओर संकेत करता है कि इस मार्ग पर आने वाले क्षेत्रों की आधारभूत संरचनाओं के विकास कार्यो में तेजी आएगी | यह परियोजना इन शहरों के विकास को नए चरम तक ले जाएगी। जिससे लोगों के जीवन में बुनियादी सुविधाओं की बेहतरी व बढ़ावा देखने को मिलेगा।

हाईस्पीड परियोजना केवल लोगों को आवागमन की एक बेहतर सुविधा ही नही देगी बल्कि इसके अंतर्गत उन क्षेत्रों का जमीनी विकास भी होगा, जिन्हे इस परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। निर्माण कार्यों के साथ साथ यहां स्थित शिक्षण, चिकित्सा एवं अन्य संस्थान को इस परियोजना का लाभ मिलेगा। भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना केवल दो राज्यों को ही नही जोड़ेगी, बल्कि यह दोनों राज्यों के व्यवसायों को भी बढ़ावा देगी। साथ ही परियोजना से पूर्व, परियोजना के दौरान व इसके पूर्ण होने के पश्चात सैंकड़ो लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा। बुलेट ट्रेन की मदद से लोग कम समय में गुजरात व महाराष्ट्र के पर्यटक स्थलों तक पहुंच सकेंगे जोकि इस व्यवसाय के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। बहरहाल यह कहा जा सकता है कि बुलेट ट्रेन भारत में अद्भुत बदलाव लाएगी, जिसका लाभ आम लोगों को रोजगार, परिवहन सुविधा और व्यावसायिक विस्तार के रुप में होगा।