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एचएसआर स्टेशन: शहरों के लिए बहुआयामी, मल्टीमॉडल गेटवे

एक राष्ट्र के रूप में भारत का परिवहन नेटवर्क बहुत ही व्यापक है, जिसमें लोगों को अपने वांछित गंतव्य तक पहुंचने के लिए हर तरह के साधन मौजूद हैं। फ्लाइट्स और ट्रेन से लेकर बस, प्राइवेट कार, मैट्रो और कैब तक, हर भारतीय को अपने वांछित गंतव्य तक जाने के लिए ज़मीनी से लेकर हवाई मार्ग तक के सभी साधन उपलब्ध हैं। चूंकि हम अभी देश में हाई स्पीड रेल शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि यह महज एक तकनीकी चमत्कार नहीं, बल्कि इससे भविष्य में हमारे देश में मौजूद यात्रा के साधनों को एक नया आकार भी मिलेगा। 

हाई स्पीड रेल का उद्देश्य यात्रा को तीव्र बनाना ही नहीं बल्कि आसान तथा स्मार्ट बनाना भी है। चूंकि अभी हम मुंबई और अहमदाबाद के बीच पहले हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण कर रहे हैं, साथ ही हम अन्य के विपरीत ढांचागत कौशल की आधारशिला भी रख रहे हैं। हमारे एचएसआर स्टेशन संधारणीयता और स्थानीय जरुरतों को ध्यान में रखते हुए मल्टीमॉडलिटी, अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को सक्षम बनाते हैं। एचएसआर और उसके स्टेशनों का निर्माण, इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की सुविधा और उनकी उम्मीदों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, भले ही इसके लिए हमें पहले ही तुलना में कठिन प्रयास ही क्यों न करना पड़े। कार्यात्मक, भौगोलिक, इकोलॉजिकल, डिजाइन और कलात्मकता, और इंजीनियरिंग-आधारित चयन एचएसआर और उसके स्टेशनों की क्षमता और प्रतिबद्धता को इंगित करते हैं।

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ट्रांजिट संरचना से परे

एचएसआर स्टेशन मात्र किसी एक विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करने वाली इमारतें नहीं हैं। वे एक गंतव्य की तरह हैं जो क्षेत्र में रियल एस्टेट को बढ़ावा देते हैं, पर्यटकों तथा व्यवसायों आकर्षित करते हैं, और क्षेत्रीय स्तर पर रास्ते में आने वाले हर शहर को जोड़ते हैं। इतनी सारी खूबियों के साथ-साथ इसमें आधुनिक अवसंरचना को भी शामिल किया गया है जिससे सुरक्षा, सुविधा, पहुंच में लचीलापन, रखरखाव, स्थिरता और विस्तार क्षमता मिलती है। इस तरह से एचएसआर स्टेशनों की परिकल्पना इसके आसपास के क्षेत्रों की आर्थिक, वित्तीय, सांस्कृतिक और सामाजिक उन्नति में सक्रिय भागीदार के रुप में की गई है।

प्रवेश-मार्ग

हालांकि, इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्र को ऐसी तकनीक पेश करना है, जिसकी उसे जरुरत है, लेकिन क्षेत्रीय और सांस्कृतिक संदर्भ को ध्यान में रखे बिना संरचनाओं और सुविधाओं के अप्रभावी वितरण से ऐसा करना संभव नहीं होगा। यह समझते हुए कि स्टेशन शहर के प्रवेश द्वार या गेटवे हैं, इसलिए इसके अगले भाग को शहर की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाना चाहिए। शहर के मूल घटक: जैसे कि इसके लोग, भाषा, कला, वास्तुकला, प्रमुख आकर्षण बिंदु और सांस्कृतिक विरासत, स्टेशन के अगले हिस्से में परिलक्षित होते हैं।

आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं कि सूरत के एचएसआर स्टेशन की योजना किस तरह से बनाई गई है। यह शहर अपने हीरा उद्योग के लिए जाना जाता है, इसलिए हीरे की चमक और इसके बाकी के पहलूओं को दर्शाते हुए स्टेशन के अगले मुखौटे और ऊंचाई को स्टील और कांच में बनाना प्रस्तावित है। यात्रियों को पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी मिले इसके लिए अंदर एक विशेष स्थान बनाने की योजना भी बनाई गई है, जहां से आकाश के दृश्य भी नज़र आ सकेंगे।

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इसी तरह, साबरमती में इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता और महात्मा गांधी के साथ जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए, एचएसआर स्टेशन के अग्रभाग की डिजाइन महात्मा गांधी के चरखे से प्रेरित है। अग्रभाग पर सफेद रंग में डिजाइन की गई तीलियां शांति का प्रतीक होने के साथ-साथ बापू के चरखे की तरह दिखती हैं।

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इसी तरह, वडोदरा एचएसआर स्टेशन के अग्रभाग का डिजाइन शहर में अधिक मात्रा में पाए जाने वाले बरगद के पेड़ों के कारण 'बरगद के पेड़' की रूपरेखा और पत्ते से प्रेरित है। 

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सभी के लिए समावेशिता और पहुंच

एचएसआर स्टेशनों का डिजाइन सभी को सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। दिव्यांग यात्रियों के लिए एचएसआर स्टेशनों को सुलभ बनाने हेतु कई व्हीलचेयर रैंप या एलिवेटर बनाये गये हैं।

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स्टेशन में मौजूद जगहों की योजना इस तरह से बनाई गई है जिससे हर उम्र, कद और क्षमता के व्यक्ति सहजता से पहुंच सके और उनका इस्तेमाल कर सकें। स्पर्शनीय फ्लोरिंग, ब्रेल साइनेज, ऑडियो-आधारित साइनेज, घोषणा प्रणाली, सुरक्षा फ्रेम और हैंड्रिल जैसे घटकों के साथ संचालन को सक्षम करने, और सभी एंट्री-चेजिंग प्वाइंट्स पर रैंप और लिफ्ट जैसी सुविधाएं देकर एचएसआर स्टेशन हर यात्री की सुरक्षा के अनुरुप हैं और उन्हें सकारात्मक अनुभव प्रदान करते हैं।

पारिस्थितिक मामलों में तर्क का इस्तेमाल

हमारे एचएसआर स्टेशनों की योजना, क्षेत्र तथा इसकी विभिन्न पारिस्थितिक संवेदनशीलताओं की व्यापक जांच करने के बाद बनाई गई है। पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयुक्त इस्तेमाल हो, इसके लिए ऐसी प्रणाली का होना जरुरी है जिससे इसका संरक्षण किया जा सके। इसके लिए सभी एचएसआर स्टेशनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाई गई है। वर्षा जल संग्रहण नाली और संचयन गड्ढों से युक्त नेटवर्क बना करके, हमारे सभी एचएसआर स्टेशन पानी की जरुरत को पूरा करने की कोशिश करेंगे। इस तरह की पारिस्थितिक संवेदनशीलता एचएसआर डिपो में भी अपनाई जाती है। एचएसआर डिपो के मामले में पारिस्थितिकी की रक्षा करने का प्रयास, सीवेज और बाकी के अपशिष्ट को आधुनिक सीवेज प्रशोधन और अपशिष्ट प्रशोधन संयंत्रों में प्रशोधित एवं पुनर्चक्रित करने के तरीकों में नज़र आता है। पृथक्करण और संघनन के लिए मशीनीकृत कचरा प्रबंधन सुविधा उपलब्ध कराकर डिपो की कुल पानी की जरुरत का 70% पूरा किया जाएगा। इन इमारतों को पारिस्थितिक रूप से अधिक टिकाऊ बनाने हेतु जल कायाकल्प गड्ढे और संरक्षण गड्ढे इसकी डिजाइन का अहम हिस्सा होंगे।

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हाई-स्पीड रेल परिवहन उद्योग में एक तकनीकी क्रांति की तरह है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए इसके स्टेशनों को स्मार्ट तरीके से डिजाइन किया गया है, जिससे वेंटिलेशन और प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था करके एयर कंडीशनिंग और कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था की जरुरत कम होती है। इसके अलावा, इमारतों को ऊर्जा-कुशल लाइट्स और निम्न प्रवाह वाले जल फिक्स्चर, स्थानीय सामग्रियों के इस्तेमाल और इसी तरह के अन्य तरीकों से टिकाऊ बनाया जाता है। डिपो और कुछ स्टेशन भवनों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में निवेश करके हम इमारतों की ऊर्जा निर्भरता को कम करने का प्रयास करते हैं।

परियोजना में भविष्य का भी पूरा ख्याल रखा गया है, जिससे इसके संचालन में स्थायी भविष्य के सृजन की गारंटी मिलती है।

 

लोगों के लिए

हमारी योजना आसपास के सार्वजनिक स्थानों को एकीकृत करने की है, जिससे एचएसआर स्टेशनों के बाहर और अंदर स्थित कैफे, रेस्तरां, रिटेल शॉप, कॉफी शॉप और अन्य वाणिज्यिक स्थानों तक पहुंच सक्षम हो सकेगी। एचएसआर स्टेशन वाणिज्यिक और खुदरा गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले गंतव्य हैं, जहां यात्रियों के लिए टीवी लाउंज, वाई-फाई आदि से लैस आधुनिक, आरामदायक और खुबसूरती की दृष्टि से आकर्षक प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं।
 

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मल्टीलेवल मैकेनाइज्ड पार्किंग भी इसकी एक दिलचस्प विशेषता है जिसका लाभ यात्रियों को तब मिलेगा जब वे अपने किसी प्रियजन को लेने या छोड़ने के लिए आएंगे या जब वो एमएएचएसआर कॉरिडोर पर पड़ने वाले किसी स्थान की यात्रा पर जा रहे होंगे। ये लाउंज और पार्किंग सुविधाएं भुगतान व इस्तेमाल के आधार पर उपलब्ध होंगी। स्टेशन एरिया डेवलपमेंट (एसएडी) ने एचएसआर स्टेशनों को शहर के विकास का केन्द्र बिन्दु बनाने के लिए स्टेशन भवन के आसपास बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक निर्माण करने की योजना भी बनाई है। 

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बहुआयामी गंतव्य के रुप में परिकल्पित और एचएसआर के नवोन्मेष व स्वदेशीकरण के प्रतीक ये स्टेशन ऐसी संरचनाएं हैं जो आर्थिक, पारिस्थितिक, सांस्कृतिक और तकनीकी लाभ का मार्ग प्रशस्त करती हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय हैं और उन क्षेत्रों के अनुकूल हैं, जहां ये स्थित हैं।