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मीडिया ब्रीफ: एमएएचएसआर कॉरिडोर के लिए 100% भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा

Published Date

परियोजना की स्थिति 8 जनवरी 2024 तक

  1. परियोजना की मुख्य उपलब्धियां
    • गुजरात और महाराष्ट्र के लिए सभी सिविल अनुबंध दे दिए गए हैं।
    • 120.4 कि.मी. के गर्डर लॉन्च किए गए हैं और 271 कि.मी. की पियर कास्टिंग पूरी हो चुकी है।
    • गुजरात, डीएनएच और महाराष्ट्र में 100% भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है।
    • जापानी शिंकानसेन में उपयोग किए जाने वाले एमएएचएसआर कॉरिडोर ट्रैक सिस्टम के लिए पहले रीइंफोर्स्ड कंक्रीट (आरसी) ट्रैक बेड बिछाने का कार्य सूरत और आनंद में शुरू हो गया है। यह पहली बार है, जब भारत में जे-स्लैब बैलास्टलेस ट्रैक सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।.
    • गुजरात के वलसाड में ज़ारोली गांव के पास स्थित 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर व्यास वाली पहली पहाड़ी सुरंग को केवल 10 महीनों में पूरा करना एक बड़ी उपलब्धि है।
    • 70 मीटर लंबा और 673 मीट्रिक टन वजनी पहला स्टील ब्रिज, सूरत, गुजरात में एनएच 53 पर बनाया गया है। ऐसे 28 में से 16 पुल निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं।
    • एमएएचएसआर कॉरिडोर पर 24 नदी पुलों में से छह नदियों पर पुल का निर्माण किया जा चुका है, जैसे पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगनिया (नवसारी जिला)। नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती जैसी अन्य नदियों पर कार्य प्रगति पर है।.
    • परिचालन के दौरान ट्रेन तथा सिविल संरचनाओं द्वारा उत्पन्न होने वाले शोर को कम करने के लिए, वायाडक्ट के दोनों ओर नॉइज़ बैरियर्स लगाए जा रहे हैं।
    • भारत की पहली 7 किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे बनने वाली रेल सुरंग का काम शुरू हो चुका है, जो महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा है।
    • मुंबई एचएसआर स्टेशन के निर्माण हेतु खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है।
  2. भूमि अधिग्रहण की स्थिति:
    • कुल:- 100%
    • गुजरात:- 100%
    • डीएनएच:- 100%
    • महाराष्ट्र:- 100%
  3. गुजरात में प्रगतिरत कार्य
    • 3.1 वायाडक्ट: कुल- 352 कि.मी.
      • - पाइल: 343.9 कि.मी.
      • - फाउंडेशन: 294.5 कि.मी.
      • - पियर (स्टेशनों सहित): 271 कि.मी.
      • - पियर (स्टेशनों को छोड़कर): 268.5 कि..मी
      • - गर्डरों की संख्या: 3797
      • - गर्डर कास्टिंग: 152 कि.मी.
      • - वायाडक्ट (गर्डर लॉन्चिंग): 120.4 कि.मी.
    • 3.2. विशेष पुल
      • राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, सिंचाई नहरों और रेलवे पर 28 क्रॉसिंग (गुजरात में 17, महाराष्ट्र में 11) को लॉन्ग स्पैन की स्टील संरचनाओं द्वारा पाट दिया जाएगा।
    • 3.3. स्टेशन एवं डिपो
    • गुजरात

      • सभी 8 एचएसआर स्टेशनों (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती) पर निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है।
      • - सभी 8 एचएसआर स्टेशनों के लिए फाउंडेशन का काम पूरा हो गया है।
      • - वापी स्टेशन -रेल लेवल स्लैब (200 मीटर) पूरा हो गया है।
      • - बिलिमोरा स्टेशन - 288 मीटर रेल लेवल स्लैब की ढलाई पूरी हो गई।
      • - सूरत स्टेशन – कॉनकोर्स स्लैब और रेल लेवल स्लैब (450 मीटर) का कार्य पूरा हो गया। प्लेटफार्म लेवल स्लैब की ढलाई शुरू हो गई है और 557 मीटर की ढलाई हो चुकी है।
      • - आनंद स्टेशन – कॉनकोर्स स्लैब और रेल लेवल स्लैब (425 मीटर) का कार्य पूरा हो गया। 124 मीटर प्लेटफार्म स्तर का स्लैब पूरा हो गया।.
      • - अहमदाबाद स्टेशन – कॉनकोर्स स्लैब (435 मीटर) पूरा हो गया है।
      • - सूरत डिपो – फाउंडेशन और सुपर स्ट्रक्चर का काम पूरा हो गया है।
      • - साबरमती डिपो – मिट्टी की खुदाई का काम पूरा हो गया है। ओएचई फाउंडेशन का कार्य प्रगति पर है।

      महाराष्ट्र

      • महाराष्ट्र में मुंबई एचएसआर स्टेशन का काम शुरू हो चुका है। 99% सेकेंट पाइल पूरा हो गया है। 104,421 घन मीटर की खुदाई हो चुकी है। एंकर लगाने का काम शुरू हो गया है जिससे दूसरे स्तर की खुदाई में आसानी होगी।
      • महाराष्ट्र में 3 स्टेशनों (बोइसर, विरार और ठाणे) सहित शेष संरेखण हेतु जियोटेक कार्य प्रगति पर है।