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एनएचएसआरसीएल द्वारा मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पहले स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा किया गया

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एनएचएसआरसीएल द्वारा मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए गुजरात के सूरत शहर में नेशनल हाईवे -53 पर पहले स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

एमएएचएसआर कॉरिडोर पर, यह 28 स्टील ब्रिज में से पहला निर्मित स्टील ब्रिज है। इन स्टील ब्रिज के निर्माण में लगभग 70,000 मीट्रिक टन निर्दिष्ट (specified) स्टील का उपयोग होने का अनुमान है। इन स्टील ब्रिज स्पैन की लंबाई 60 मीटर 'सिंपली सपोर्टेड' (simply supported) से लेकर 130 + 100 मीटर 'कंटीन्यूअस स्पैन' (continuous span) तक होती है।

जापानी विशेषज्ञता के साथ, भारत मेक-इन-इंडिया विजन के तहत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अपनी स्वदेशी तकनीकी और भौतिक क्षमताओं का तेजी से उपयोग कर रहा है। एचएसआर के लिए स्टील ब्रिज ऐसे उदाहरणों में से एक है।

नेशनल हाइवेज, एक्सप्रेसवे और रेलवे लाइनों को पार करने के लिए स्टील ब्रिज सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। वहीँ दूसरी ओर, 40 से 45 मीटर तक के प्री-स्ट्रेस्ड (pre-stressed) कंक्रीट ब्रिज, नदी पुलों सहित अधिकांश वर्गों के लिए उपयुक्त होते हैं। भारत के पास 100 से 160 कि.मी. प्रति घंटे के बीच चलने वाली भारी ढुलाई और अर्ध-उच्च गति (semi high-speed) वाली ट्रेनों के लिए स्टील ब्रिज बनाने की विशेषज्ञता है। इसके अलावा, यह पहली बार है, कि 320 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली शिंकानसेन बुलेट ट्रेन को सपोर्ट करने वाला स्टील का ब्रिज बनाया और सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

राजधानी दिल्ली के पास हापुड़ जिले की कार्यशाला में तैयार होने के बाद (जो ब्रिज की साइट से लगभग 1200 कि.मी. दूर है), स्टील स्ट्रक्चर जिसमें लगभग 700 टुकड़े और 673 मीट्रिक टन शामिल हैं, को ट्रेलरों पर ब्रिज निर्माण साइट तक ले जाया गया।

साइट पर 12 से 14 मीटर ऊंचे स्टील ब्रिज को 10 से 12 मीटर ऊंचे खंभों के ऊपर स्टेजिंग पर रखा गया। इसके बाद लगभग 200 मीट्रिक टन वजन की लॉन्चिंग नोज को मुख्य ब्रिज असेंबली (main bridge assembly) के साथ जोड़ा गया। बड़े पैमाने पर देखरेख और विशेषज्ञता के साथ, नेशनल हाईवे पर पूर्ण यातायात ब्लॉक के तहत विशेष रूप से डिजाइन की गई पुलिंग व्यवस्था (pulling arrangement) से ब्रिज असेंबली को उसके इच्छित विस्तार तक खींचा गया।

स्टील के प्रत्येक उत्पादन बैच का मैन्युफैक्चरिंग परिसर में अल्ट्रासोनिक परीक्षण (Ultrasonic Testing) द्वारा परीक्षण किया गया। स्टील ब्रिज का निर्माण जापानी इंजीनियर द्वारा तैयार डिजाइन ड्रॉइंग्स के अनुसार कटिंग, ड्रिलिंग, वेल्डिंग और पेंटिंग के उच्च तकनीक और सटीक संचालन द्वारा किया जाता है। कॉन्ट्रैक्टर्स को अंतर्राष्ट्रीय वेल्डिंग विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित वेल्डर और पर्यवेक्षकों को नियुक्त करना अनिवार्य है। प्रत्येक कार्यशाला में, वेल्डिंग प्रक्रिया की मॉनिटरिंग, जापानी अंतर्राष्ट्रीय वेल्डिंग विशेषज्ञों (International Welding Experts) द्वारा भी की जाती है। निर्मित स्टील स्ट्रक्चर चेक असेंबली प्रक्रिया से गुजरने के बाद, पांच-परत तकनीक का उपयोग करके पेन्ट किया जाता है।

स्टील गर्डर के लिए अपनाई गई पेंटिंग तकनीक भारत में अपनी तरह की पहली तकनीक है। यह जापान रोड एसोसिएशन की "हैंडबुक फॉर करोश़न प्रोटेक्शन ऑफ स्टील रोड ब्रिज" की सी -5 पेंटिंग प्रणाली के अनुरूप है।

टेक्निकल पॉइंट्स:

  1. मेंन ब्रिज की लंबाई: 70 मीटर
  2. ब्रिज का वजन: 673 मीट्रिक टन
  3. लॉन्चिंग नोज की लंबाई: 38 मीटर
  4. लॉन्चिंग नोज का वजन: 167 मीट्रिक टन
  5. प्रयुक्त स्टील: 673 मीट्रिक टन (मेंन ब्रिज)
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