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मीडिया ब्रीफ : बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए महाराष्ट्र राज्य में भारत की पहली 7 कि.मी. लंबी समुद्र के नीचे सुरंग सहित 21 कि.मी. लंबी सुरंग के निर्माण की वर्तमान स्थिति

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महाराष्ट्र राज्य में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिल्फाटा में बुलेट ट्रेन भूमिगत स्टेशन के बीच 21 किमी लंबी भारत की पहली भूमिगत/समुद्र के नीचे सुरंग निर्माणाधीन है।

निम्नलिखित स्थानों पर निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है

1.) मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन निर्माण स्थल पर शाफ्ट 1: शाफ्ट की गहराई 36 मीटर, 100% सेकेंट पाइलिंग का काम पूरा, खुदाई का काम अभी चल रहा है

2.) विक्रोली में शाफ्ट 2: शाफ्ट की गहराई 56 मीटर, 100% पाइलिंग का काम पूरा, खुदाई का काम अभी चल रहा है। इस शाफ्ट का उपयोग दो सुरंग बोरिंग मशीनों को दो अलग-अलग दिशाओं में नीचे जाने के लिए किया जाएगा, एक बीकेसी की ओर और दूसरी घनसोली की ओर

3.) सावली में शाफ्ट 3 (घनसोली के पास): 39 मीटर की गहराई वाले शाफ्ट में खुदाई का काम चल रहा है।

4.) शिल्फाटा: यह सुरंग का एनएटीएम छोर है। साइट पर पोर्टल का काम शुरू हो चुका है

5.) एडीआईटी पोर्टल (Adit Portal) (अतिरिक्त रूप से संचालित मध्यवर्ती सुरंग): यह पोर्टल तेजी से निर्माण प्रगति के लिए भूमिगत/समुद्र के नीचे सुरंग तक अतिरिक्त पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा।

शाफ्ट के निर्माण में कुछ चुनौतियाँ

1.) ध्वनि और वायु प्रदूषण रोकथाम उपायों के साथ मल्टीपल नियंत्रित ब्लास्टिंग ताकि आस-पास के क्षेत्रों में पर्यावरण और आबादी को कम से कम परेशानी हो

2.) शाफ्ट का निर्माण उच्च जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों और आसपास की सुविधाओं जैसे विभिन्न पाइपलाइनों, विद्युत स्थापना और अन्य निकटवर्ती बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे मेट्रो, राजमार्ग आदि में किया जाता है। काम के दौरान व्यवधानों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

3.) प्रत्येक ट्रिप अनुमोदन और जीपीएस ट्रैकर आदि के माध्यम से महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के पर्यवेक्षण के तहत उत्खनन सामग्री का निपटान किया जा रहा है ।

गैन्ट्री क्रेन, श्रमिक कॉलोनी, साइट कार्यालय जैसी कई अन्य सुविधाओं का भी निर्माण किया जा रहा है।

अतिरिक्त विवरण:

अप और डाउन ट्रैक दोनों के लिए जुड़वां ट्रैक को समायोजित करने के लिए एक एकल ट्यूब सुरंग होगी। कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, सुरंग स्थान से सटे 39 उपकरण कक्ष भी बनाए जाएंगे।

13.1 व्यास की इस सुरंग के निर्माण के लिए, 13.6 मीटर व्यास के कटर हेड वाले टीबीएम का उपयोग किया जाएगा। आमतौर पर एमआरटीएस - मेट्रो प्रणाली में उपयोग की जाने वाली शहरी सुरंगों के लिए 5-6 मीटर व्यास कटर हेड का उपयोग किया जाता है।

सुरंग के लगभग 16 किमी हिस्से को बनाने के लिए तीन टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा और शेष 5 किमी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि (एनएटीएम) के माध्यम से किया जाएगा।

यह सुरंग जमीनी स्तर से लगभग 25 से 57 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण बिंदु पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा।

बीकेसी (पैकेज सी 1 के तहत), विक्रोली और सावली में क्रमशः 36, 56 और 39 मीटर गहराई की अनुमानित गहराई पर तीन शाफ्ट निर्माण की सुविधा प्रदान करेंगे। घनसोली में 42 मीटर की झुकी हुई शाफ्ट और शिलफाटा में सुरंग पोर्टल एनएटीएम टनलिंग विधि के माध्यम से लगभग 5 किमी सुरंग के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा।

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