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श्री विवेक कुमार गुप्ता ने एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया

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श्री विवेक कुमार गुप्ता द्वारा एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया गया आज, श्री विवेक कुमार गुप्ता, आईआरएसई 1988 बैच के अधिकारी द्वारा नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को क्रियान्वित करने वाली संगठन) के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया गया । एनएचएसआरसीएल में शामिल होने से पहले, श्री गुप्ता ने रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) में मुख्य कार्यकारी निदेशक/गति-शक्ति के रूप में कार्य किया। वे सात (07) विभागों के एकीकृत कार्य पद्धति के लिए कारकृत थे: सिविल (कार्य, प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और स्टेशन विकास), इलेक्ट्रिकल (आरई), सिग्नल और दूरसंचार, यातायात, वित्त, योजना और आर्थिक निदेशालय तथा पीएम गति-शक्ति कार्यक्रम के विषय का विधिवत पालन करते हुए भारतीय रेलवे के स्टेशन विकास सहित सभी परियोजनाओं की योजना और निष्पादन के लिए एक एकजुट टीम के रूप में काम कर रहे थे।

उन्होंने मध्य और पश्चिम रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण), मुख्य ट्रैक इंजीनियर, मुख्य ब्रिज इंजीनियर और मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) सहित विभिन्न वरिष्ठ पदों पर काम किया है। इन भूमिकाओं में, वह निर्माण परियोजनाओं के लिए जवाबदेह थे, जिसमें नई लाइनों का निर्माण, गेज परिवर्तन, दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग, यातायात सुविधा कार्य, ट्रैक निर्माण कार्य और रेलवे पुलों का रखरखाव शामिल था।

मुंबई रेल विकास निगम (एमआरवीसी) में मुख्य अभियंता के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ एमयूटीपी I/एमयूटीपी II और एमयूटीपी III के लिए परियोजना समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लगभग 34,000 करोड़ रुपये की लागत वाली एमयूटीपी 3A परियोजना की तैयारी के काम का नेतृत्व किया। इसके अतिरिक्त, वह एमआरवीसी में सभी सिविल इंजीनियरिंग पहलुओं के समन्वय और विश्व बैंक, एआईआईबी, एमएमआरडीए, सिडको और जीओएम सहित विभिन्न एजेंसियों के साथ बातचीत, योजना और निष्पादन से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए उत्तरदायी थे।

अप्रैल 2019 और अगस्त 2021 के बीच डीआरएम/भुसावल के रूप में, उन्होंने मध्य रेलवे के भुसावल डिवीजन की समग्र जिम्मेदारी संभाली। उनके कर्तव्यों में सुरक्षा, दक्षता, बुनियादी ढाँचे का काम, राजस्व व्यय नियंत्रण और कर्मचारी कल्याण सुनिश्चित करना शामिल था।

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