आईआरपी, सामाजिक पहल और सीएसआर
आय बहाली योजना के तहत प्रशिक्षण
परियोजना के लिए प्रस्तावित आय बहाली योजना का उद्देश्य परियोजना प्रभावित परिवारों की आय को पूर्व-परियोजना के स्तर या बेहतर करने के लिए विकसित करना है और यह पीएएच के पुनर्वास का एक अहम हिस्सा है। पीएएच अपनी वर्तमान गतिविधियों और कौशल का लाभ उठाने के लिए डिज़ाइन किए गए विभिन्न विकल्पों में से चुनने के अवसर योग्य हैं। व्यापक जुड़ाव यह सुनिश्चित करने योग्य है कि सभी पीएपी को उपलब्ध विकल्पों के बारे में अच्छी तरह से ज्ञात कराया जाए और उन्हें भाग लेने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाए।
कंप्यूटर हार्डवेयर प्रशिक्षण, ब्यूटी पार्लर प्रबंधन, मोबाइल फोन मरम्मत आदि के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कई प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत हैं। इन प्रशिक्षणों में भाग लेने के लिए विभिन्न जिलों सहित कॉरिडोर में प्रशिक्षण संस्थानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की गयी है। एनएचएसआरसीएल सम्बंधित अधिकारियों के संपर्क विवरण नीचे दिए गए लिंक में उपलब्ध हैं।
1.आईआरपी प्रशिक्षण योजना महाराष्ट्र।
2.आईआरपी प्रशिक्षण योजना गुजरात।
3.आईआरपी प्रशिक्षण के लिए आवेदन पत्र।
परियोजना के लिए स्वदेशी लोगों की योजना के साथ एक पुनर्वास कार्य योजना (RAP) के प्रभावों का आकलन करने एवं मुआवजा प्राप्त करने में परियोजना द्वारा प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए शमन उपायों को विकसित करने के लिए प्रयास किया गया है, अन्य उपायों के साथ आर & आर सहायता उनके सामाजिक-आर्थिक मानकों और आजीविका क्षमता में सुधार करने का प्रयत्न है। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।https://www.nhsrcl.in/en/project/sia-rap-ipp-reports
सामाजिक पहल
इनकम रेस्टोरेशन प्रोग्राम के तहत, एनएचएसआरसीएल रुस्तमजी अकादमी फॉर ग्लोबल करियर प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से पालघर जिले के परियोजना प्रभावित गांवों के युवाओं को तीन महीने का सहायक इलेक्ट्रीशियन प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। 4 अप्रैल 2024 से शुरू हुए प्रशिक्षण से जिले के लगभग 19 युवा लाभान्वित होंगे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ भी जुड़ा हुआ है। प्रशिक्षण का उद्देश्य युवा व्यक्तियों को मूल्यवान कौशल और कैरियर की संभावनाएं प्रदान करके उनकी मदद करना है, साथ ही उन्हें उद्यमशीलता के अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित करना है।
इस कार्यक्रम के पूरा होने पर, प्रतिभागी निम्न में सक्षम होंगे:
- इंस्टालेशन, मरम्मत और रखरखाव सहित विभिन्न विद्युत कार्यों में इलेक्ट्रीशियन की सहायता करना
- निर्माण स्थलों पर अस्थायी लो-वोल्टेज विद्युत कनेक्शन ठीक करना
- निर्माण विद्युत परियोजनाओं से संबंधित हाथ के उपकरण, बिजली उपकरण और विद्युत उपकरणों का कुशलतापूर्वक चयन और उपयोग करना
- निर्माण स्थलों पर अस्थायी लो-वोल्टेज विद्युत पैनल (वितरण बोर्ड) को ऐसेम्बल, इनस्टॉल और प्रबंधित करना
- सुरक्षा और अनुपालन सुनिश्चित करते हुए आवासीय और वाणिज्यिक भवनों में स्थायी विद्युत कनेक्शन स्थापित करना
एनएचएसआरसीएल ने अपनी आय बहाली योजना के तहत गुजरात के नडियाद-खेड़ा जिले के चकलासी गांव के परियोजना प्रभावित परिवारों (पीएएच) की महिलाओं के लिए सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा करना और स्थानीय महिलाओं की पारिवारिक आय को बढ़ाना है।
30 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम (24 मार्च से 28 अप्रैल, 2021) ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर-सेट संस्थान), आनंद के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें चकलासी और भुमेल गाँव की 32 महिलाओं (प्रत्येक प्रभावित परिवार से एक) ने हिस्सा लिया। इस दौरान, महिलाओं को अपना कौशल विकसित करने और उद्यमी बनने हेतु स्वयं सहायता समूह (सखी मंडल संगठन) बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।
"भूमि महिला सखी मंडल" भुमेल गांव में बनाया गया पहला समूह है और इसमें 10 महिलाएं शामिल हैं। इस समूह का गठन तालुका पंचायत कार्यालय, नडियाद की मदद से मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना, गुजरात के तहत एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने हेतु किया गया था।
नगर पंचायत कार्यालय, चकलासी की मदद से दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनयूएलएम योजना, गुजरात के तहत चकलासी गांव में 12 महिलाओं के एक दूसरे समूह, "महा लक्ष्मी महिला सखी मंडल" का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण आबादी को आवश्यक सेवाएं देना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना से प्रभावित लोगों के परिवारों के कौशल में सुधार और आय सृजन के अवसर पैदा करने हेतु, एनएचएसआरसीएल आय पुनर्नवीकरण कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
ठाणे जिले के गांवों के 14 उम्मीदवारों के पहले समूह ने होटल प्रबंधन में अपनी क्लास रूम ट्रेनिंग पूरी कर ली है और अब वो अब अंधेरी, मुंबई के एक प्रतिष्ठित होटल में छह महीने की 'ऑन द जॉब ट्रेनिंग' करेंगे। क्लास रूम ट्रेनिंग के दौरान, प्रतिभागियों ने खाद्य उत्पादन, खाद्य व पेय सेवा, हाउस-कीपिंग, संचार और फ्रंट ऑफिस में कौशल हासिल किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन ठाणे, महाराष्ट्र स्थित एक सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान, काउंसिल ऑफ एजुकेशन एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था।
प्रतिभागियों के साथ डिजिटल प्रारूप के ज़रिए बातचीत करते हुए, एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक, श्री अचल खरे ने कहा, “भारत युवाओं का देश है और हमारे युवाओं को कौशल हासिल करने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और राष्ट्र सृजन में भी योगदान दे सकें। एनएचएसआरसीएल विभिन्न विषयों में कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने और युवाओं के रोजगार के अवसरों में सुधार करने हेतु प्रतिबद्ध है।”
कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग, कंप्यूटर अकाउंटिंग, वेल्डिंग व फैब्रिकेशन, मोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क्स, ऑफिस ऑटोमेशन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 239 से अधिक प्रतिभागियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
अभी, एनएचएसआरसीएल गुजरात और महाराष्ट्र में विनिर्माण संबंधी गतिविधियों जैसे बार बेंडिंग, विनिर्माण विद्युत कार्य, प्लमिंग, पलस्तर आदि के लिए जरुरी मुफ्त प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान कर रहा है।
एनएचएसआरसीएल की आय बहाली योजना के तहत, परियोजना प्रभावित परिवारों की 22 महिलाएं (बोरियावी गांव से 18 और समरखा गांव से 4) गुजरात के आणंद जिले में सिलाई, कढ़ाई और बुनाई पाठ्यक्रम (21 दिसंबर 2020 से 27 जनवरी 2021) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आरएसईटीआई (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के सहयोग से आयोजित किए जा रहे हैं। यह इन महिलाओं को #आत्मनिर्भर बनने और उन्हें बेहतर जीवन की दिशा में एक कदम है।
प्रशिक्षण पूरा होने के पश्चात्, एनएचएसआरसीएल इन महिलाओं को सिलाई मशीन खरीदने और सहकारी समूह (सखी मंडल) स्थापित करने में सहायता करेगा, जिसके ज़रिए वे एक-दूसरे की मदद कर सकेंगी और अपने तथा अपने परिवार के लिए आजीविका का स्थायी साधन तैयार सकेंगी।
एनएचएसआरसीएल की ओर से उन्हें शुभकामनाएं!!
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ग्रामीण विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरयूडीएसईटी) {http://www.rudsetitraining.org} के सहयोग से परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों के लिए आय बहाली/उत्पत्ति गतिविधियों की दिशा में काम कर रहा है। एनएचएसआरसीएल की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया मुआवज़े के भुगतान, R&R सहायता आदि तक सीमित ही नहीं है; बल्कि इसमें परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों के लिए कौशल विकास, आय की बहाली के लिए प्रशिक्षण में बढ़ोत्तरी और आजीविका की बहाली तथा आय के सृजन हेतु अवसरों का विकास भी शामिल हैं।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत, आरयूडीएसईटी संस्थान, नाडियाड में 26.06.19 से भावी युवाओं के लिए एक कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग कार्यक्रम शुरू किया गया है, 45 दिनों के इस कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम से 28 युवा लाभान्वित हो रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद, प्रतिभागियों को अपने दम पर आजीविका उत्पन्न करने में मदद की जाएगी।
एमएएचएसआर कॉरिडोर के साथ बसे विभिन्न गांवों में इस तरह के कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाने की योजना है, जिनमें मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, बाइक रिपेयरिंग आदि शामिल हैं । प्रशिक्षण के बाद, आरयूडीएसईटी सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षित युवा अपने खुद के उपक्रम विकसित करें। क्योंकि आरयूडीएसईटी दो बैंकों द्वारा प्रायोजित है, इसलिए वे ऋण प्राप्त करने में भी उन युवाओं की मदद करते हैं। कम से कम दो साल तक सहायता प्रदान की जाती है, जब तक कि प्रत्याशी ठीक से स्थापित नहीं हो जाता।
आय बहाली कार्यक्रम के तहत,एनएचएसआरसीएल ने रूडसेट संस्थान के साथ मिलकर, नडियाद ने आनंद और खेड़ा जिलों के परियोजना प्रभावित गांवों के युवाओं को दो पहिया वाहन मरम्मत का प्रशिक्षण प्रदान किया। आनंद और खेड़ा जिले के गांवों के कुल 10 युवाओं ने सफलतापूर्वक 30 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया।
एनएचएसआरसीएल ने प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी उम्मीदवारों को टू व्हीलर रिपेयर टूल किट वितरित किए।
राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड ने आर्काडिस और देव फाउंडेशन के सहयोग से परियोजना प्रभावित लोगों को उनकी आजीविका बहाल करने के लिए भरूच जिले में आय बहाली कार्यक्रम के तहत कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया केवल मुआवजे, पुनर्वास सहायता आदि तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कौशल विकास पहल भी शामिल है, जिसके माध्यम से आजीविका के लिए परियोजना प्रभावित व्यक्ति द्वारा आय अर्जित की जा सकती है।
इस कार्यक्रम के तहत, भरूच के नंदेलव चौकड़ी के फथ कलवरी स्कूल में भावी युवाओं के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ६० दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से कुल २४ युवा लाभान्वित हुए।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व
क्र.सं. | कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति | देसिग्नेशन |
---|---|---|
1 |
श्रीमती अन्विता सिन्हा |
अध्यक्ष |
2 |
श्री अंजुम परवेज़ |
सदस्य |
3 |
श्री विवेक प्रकाश त्रिपाठी |
सदस्य |
सीएसआर पहल के तहत, एनएचएसआरसीएल द्वारा श्री चैतन्य सेवा ट्रस्ट के सहयोग से महाराष्ट्र राज्य के ठाणे और पालघर जिले के गांवों में मोतियाबिंद सर्जरी सहित मुफ्त नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
इस पहल के तहत ठाणे जिले के लगभग 22 और पालघर जिले के 71 गांवों को लक्षित किया गया है। ठाणे और पालघर जिले में ग्रामीण लाभार्थियों की अनुमानित संख्या 350 और 1000 है।
शिविर में (ऑपरेशन के बाद) अगले 30 दिनों तक अस्पताल की यात्रा, भोजन, आवास, दवाएं, सर्जरी और फॉलो-अप चेक-अप जैसी विभिन्न समर्थन लाभ भी शामिल हैं।
यह पालघर जिले के दहानू-तलेसरी तालुका को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए एनएचएसआरसीएल द्वारा की गयी एक पहल है।
पालघर जिले के दहानू और तलासरी के जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उत्थान के लिए, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल), मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की क्रियान्वयन एजेंसी, ने पुर्ण्य आधुनिक एम्बुलेंस, स्वतंत्रता दिवस 2019 के अवसर कर दान किया । माननीय सांसद राजेन्द्र गावित एवं पालघर जिले के माननीय अभिभावक मंत्री श्री रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में जिला कलेक्टर, पालघर डॉ कैलाश शिंदे के हाथों सिविल सर्जन, पालघर को एम्बुलेंस सौंपी गई।
एंबुलेंस जो की ग्रामीण स्वास्थ्य इकाई, पालघर को दान की गई थी, पहले यह एनएचएसआरसीएल ने अपनी प्राथमिक स्थिति में प्राप्त की थी। तब इसे आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ अनुकूलित और उन्नयन किया गया था। यह अपने आप में एक डिस्पेंसरी का कार्य करेगी एवं एम्बुलेंस में हृदय संबंधी आपात स्थितियों के लिए विशेष मशीनरी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही साथ, यह एम्बुलेंस आपातकालीन मेडिकल ट्रॉली, तह स्ट्रेचर, तह व्हीलचेयर, पोर्टेबल स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर,रक्त दाब मॉनीटर, IV स्टैंड, ब्लड भण्डार कम्पार्टमेंट, स्पाइन बोर्ड स्ट्रेचर, एयर-कंडीशनर, मरीज के बेड सपोर्ट, अंतःश्वासनलीय ट्यूब, पुनर्जीवन किट, वॉश बेसिन, डॉक्टर परिक्रामी कुर्सी, एलईडी बल्ब, स्पॉट लाइट्स आदि से लैस है। इन सुविधाओं की उपस्थिति के कारण, रोगी के बुनियादी उपचार को अस्पताल के रास्ते में ही शुरू किया जा सकता है।
एम्बुलेंस-दान के बारे में संतोष व्यक्त करते हुए, जिला कलेक्टर,डॉ. कैलास शिंदे, ने कहा, “पूरी तरह सुसज्जित आधुनिक एम्बुलेंस ग्रामीण क्षेत्रों में रोगियों को राहत देने में अत्यधिक लाभदायक होगी। यह पहल प्रशासनिक स्तर पर किए गए हमारे प्रयासों को मजबूत करेगी”
इस पहल से दहानू-तलसारी के आदिवासी क्षेत्रों के निवासियों को अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा। एनएचएसआरसीएल का प्राथमिक उद्देश्य पालघर जिले में समग्र विकास लाना है, जिसके माध्यम से भारत की पहली बुलेट ट्रेन गुजरेगी। आने वाले दिनों में आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों के साथ पालघर, वसई, दहानू और मुंबई के एनएचएसआरसीएल के अधिकारी मौजूद थे।
कंपनी की सीएसआर पहल के एक हिस्से के रूप में, श्री रूप नारायण सुनकर, प्रबंध निदेशक/ एनएचएसआरसीएल ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को खाद्य वितरण वैन सौंपी। इन वैन का उपयोग अहमदाबाद और वडोदरा के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील परोसने के लिए किया जाएगा।
कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत स्वच्छता और महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में, गुजरात के सूरत, नवसारी और भरूच जिले में तीन सैनिटरी नैपकिन निर्माण इकाइयाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें से प्रत्येक इकाई से प्रति वर्ष 75000 पैकेट सैनिटरी नैपकिन बनाने की संयुक्त क्षमता है। इस पहल के माध्यम से एनएचएसआरसीएल का उद्देश्य स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना और समुदाय के लिए एक उज्जवल, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना है।
शक्ति फाउंडेशन ट्रस्ट (एक पंजीकृत एनजीओ) द्वारा कार्यान्वित परियोजना “प्रगति” के तहत, महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के प्रयास में तीन ऐसी इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। ये समूह लागत प्रभावी सैनिटरी नैपकिन के उत्पादन में लगे हुए हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में कई महिलाओं के सामने आने वाली सामर्थ्य और पहुँच दोनों चुनौतियों का समाधान करते हैं। मशीनरी और कच्चे माल की खरीद का खर्च एनएचएसआरसीएल द्वारा वहन किया जाता है।
अगले तीन वर्षों के लिए, प्रत्येक इकाई से प्रति माह लगभग 5000 पैकेट सरकारी स्कूल की छात्राओं और गांवों में आदिवासी/ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त में वितरित किए जाएंगे।