एचएसआर इनोवेशन सेंटर ट्रस्ट की चौथी सलाहकार परिषद की बैठक
ट्रस्ट की चौथी सलाहकार परिषद की बैठक 28 जून 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई, जहां डॉ. नोरिमाकी कुमागई, फेलो, रेलवे तकनीकी अनुसंधान संस्थान (आरटीआरआई), जापान, प्रो. के. ई. सीताराम, सेंटर फॉर स्पेसियल इंफॉर्मेशन साइंस के विजिटिंग प्रोफेसर , टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी निदेशक, आईआईटी रुड़की, प्रो. के एन सत्यनारायण निदेशक, आईआईटी तिरुपति, प्रो. सुभासिस चौधरी, निदेशक, आईआईटी बॉम्बे, प्रो. के वी कृष्ण राव, प्रोफेसर, आईआईटी बॉम्बे, प्रो. पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती, प्रोफेसर, आईआईटी खड़गपुर, प्रोफेसर डेविड कोइलपिल्लई, प्रोफेसर, आईआईटी मद्रास, प्रो अमित प्रशांत, कार्यवाहक निदेशक और प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी गांधी नगर, प्रो सुकुमार मिश्रा, एसोसिएट डीन, अनुसंधान और विकास, प्रोफेसर, आईआईटी दिल्ली, श्री सतीश अग्निहोत्री, प्रबंध निदेशक, एनएचएसआरसीएल ने एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत में एचएसआर भवन में लक्षित अभिनव, स्वदेशी, लागत प्रभावी समाधानों से संबंधित परियोजना प्रस्तावों और रोड मैप पर विचार-विमर्श किया गया।
श्री सतीश अग्निहोत्री, एमडी, एनएचएसआरसीएल, और डॉ नोरिमाची कुमागई, फेलो, आरटीआरआई, जापान ने समिति को संबोधित किया और भारत में पहली एचएसआर परियोजना और इसके तकनीकी पहलुओं के बारे में चर्चा की। बैठक के दौरान, सलाहकार परिषद ने एचएसआरआईसी द्वारा कार्यान्वित परियोजनाओं की समीक्षा की। सहयोगी संस्थानों यानी एएमटीडीसी (उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी विकास केंद्र), आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गांधी नगर, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईएससी बैंगलोर के परियोजना संयोजकों ने सलाहकार परिषद के सदस्यों को अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की प्रगति प्रस्तुत की।
भारत में नए एचएसआर/सेमी एचएसआर कॉरिडोर के चयन के लिए एक वैज्ञानिक मॉडल का विकास" पर कार्यशाला
हाई स्पीड रेल इनोवेशन सेंटर (एचएसआरआईसी) द्वारा "भारत में नए एचएसआर / सेमी एचएसआर कॉरिडोर के चयन के लिए एक वैज्ञानिक मॉडल का विकास" पर एक कार्यशाला का आयोजन दिनांक 19.01.2022 को किया गया।
कार्यशाला में आई आई टी दिल्ली, आई आई टी बॉम्बे, आई आई टी रुड़की, चुबू विश्वविद्यालय जापान, टोक्यो विश्वविद्यालय, एडीबीआई संस्थान और एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और विषय पर विचार-विमर्श किया।
