बुलेट ट्रेन स्टेशनों की कल्पना आधुनिक जीवनशैली के रूप में की गई है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के प्रत्येक स्टेशन का डिज़ाइन उस शहर की भावना को दर्शाएगा जिसमें यह बन रहा है। इससे स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव होगा और भारत की पहली हाई-स्पीड प्रणाली के स्वामित्व की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
निर्बाध यात्रा अनुभव के लिए, मार्ग पर स्थित स्टेशनों को बेहतर, तेज़ और निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए रेल, मेट्रो, बस, टैक्सी और ऑटो जैसे अन्य साधनों के साथ एकीकरण के माध्यम से परिवहन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस तरह के इंटरफ़ेस से यात्रा का समय कम होगा, पहुंच बढ़ेगी और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे हमारे शहरों में भीड़भाड़ और उत्सर्जन में कमी आएगी।
यात्रियों, हितधारकों की पहुंच और सुविधा बढ़ाने तथा स्टेशनों के आसपास आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, बुलेट ट्रेन स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों को टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) की नीतियों के अनुसार विकसित करने की योजना बनाई गई है।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, रेल मंत्रालय और गुजरात तथा महाराष्ट्र की सरकारों के सहयोग से शुरू की गई इस पहल को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) का समर्थन प्राप्त है, जिसके पास जापान में इसी तरह की सफल परियोजनाओं का समृद्ध अनुभव है। इसका उद्देश्य मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (स्मार्ट) से जुड़ी स्टेशन क्षेत्र विकास पहल के हिस्से के रूप में अत्याधुनिक स्टेशन क्षेत्र विकास रणनीतियों को लागू करना है।
जेआईसीए की भूमिका में तकनीकी मार्गदर्शन और विशेषज्ञता प्रदान करना शामिल होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीओडी योजनाएं वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप हों।
चार स्टेशन - गुजरात में साबरमती और सूरत तथा महाराष्ट्र में विरार और थाने को शहर एवं राज्य प्राधिकारियों द्वारा चयनित किया गया है।
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
1.) बेहतर एक्सेसिबिलिटी और कम भीड़: इस परियोजना से स्टेशनों तक पहुंच सुगम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को सुगम यातायात का अनुभव मिलेगा।
2.) एक समग्र शहरी पारिस्थितिकी का निर्माण करते हुए, स्टेशन क्षेत्रों के आसपास कॉर्पोरेट कार्यालयों, होटलों, शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे को विकसित करके पैदल चलने योग्य दूरी पर एचएसआर स्टेशनों के आसपास मिश्रित उपयोग विकास किया जायेगा।
3.) स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा:टीओडी पहल से स्टेशनों के आसपास व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने, स्थानीय व्यवसायों को लाभ होने और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान मिलने की उम्मीद है।
4.) भूमि मूल्य अधिग्रहण के माध्यम से राजस्व सृजन:विकास पहलों को शहरी नियोजन उपकरणों जैसे प्रीमियम एफएसआई/एफएआर, विकास अधिकारों का हस्तांतरण (टीडीआर) आदि द्वारा समर्थित किया जा सकता है।
5.) सतत शहरी विकास: यह परियोजना आसपास के शहरों को रहने योग्य, टिकाऊ शहरी केंद्रों के रूप में बढ़ावा देगी, निवेश को आकर्षित करेगी और निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगी।
टीओडी पहल को दीर्घकालिक स्थिरता और स्केलेबिलिटी सुनिश्चित करते हुए चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना स्टेशन स्तर पर तत्काल ज़रूरतों और भविष्य में व्यापक क्षेत्रीय विकास दोनों को पूरा करेगी।
अतिरिक्त जानकारी:
क्षेत्र | विवरण | योजना |
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क्षेत्र 1 | बुलेट ट्रेन स्टेशन के आसपास का क्षेत्र, पिक एंड ड्रॉप ऑफ, पार्किंग, पैसेंजर प्लाजा विकास | चरण 1 की मौजूदा अवसंरचना के साथ सुचारू एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्य योजना प्राधिकरणों के साथ निकट समन्वय में सभी स्टेशनों के लिए मल्टी मोडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) योजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। |
क्षेत्र 2 | स्टेशन से 200-500 मीटर की दूरी तक तथा यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी | स्टेशन के आसपास का क्षेत्र गुजरात और महाराष्ट्र सरकार के तहत विभिन्न शहर प्राधिकरणों द्वारा विकसित किया जाएगा: • शहर के मास्टर प्लान, विकास योजना और स्थानीय योजनाओं में स्टेशन क्षेत्र विकास योजना को शामिल करना • नीति ढांचे में संशोधन या मूलभूत परिवर्तन जैसे उपनियमों में परिवर्तन, विकास नियंत्रण, फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर/एफएसआई) में संशोधन आदि। • मौजूदा सड़कों को चौड़ा करना और सड़क ज्योमेट्री में सुधार |
क्षेत्र 3 | बुलेट ट्रेन स्टेशन से 500-800 मीटर तक जिसमें मध्यम से लेकर लंबी अवधि का विकास शामिल होगा | क्षेत्र 2 से परे प्रभाव क्षेत्र को एचएसआर कनेक्टिविटी का उपयोग करके अपनी विशिष्ट पहचान बनाने हेतु शहर के दृष्टिकोण के आधार पर विकसित किया जाएगा। इसमें शहरी नियोजन उपकरण जैसे भूमि उपयोग में परिवर्तन, विकास अधिकारों का हस्तांतरण (टीडीआर) आदि शामिल हो सकते हैं। इस क्षेत्र को शहर के अधिकारियों द्वारा 10 वर्षों से अधिक समय अवधि को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा। |