एनएचएसआरसीएल द्वारा महाराष्ट्र के लिए 40 मीटर स्पैन का पहला फुल स्पैन प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (पीएससी) बॉक्स गर्डर कास्ट किया गया।
40 मीटर स्पैन के पीएससी बॉक्स गर्डर का वजन लगभग 970 मीट्रिक टन है, जो भारत के निर्माण उद्योग में सबसे भारी पीएससी बॉक्स गर्डर है। 40 मीटर स्पैन गर्डर को एक ही खंड के रूप में ढाला जा रहा है, यानी बिना किसी निर्माण जोड़ के, जिसमें 390 घन मीटर कंक्रीट और 42 मीट्रिक टन स्टील शामिल है।
वायडक्ट के निर्माण में तेजी लाने के लिए, उप-संरचना और अधिरचना का निर्माण समानांतर रूप से किया गया है। जबकि उप-संरचना यानी पाइल, पाइल कैप, पियर और पियर कैप का काम प्रगति पर है, अधिरचना के लिए फुल स्पैन गर्डर्स और सेगमेंटल गर्डर्स को कास्ट करने के लिए रेल मार्ग के साथ कास्टिंग यार्ड विकसित किए गए हैं ताकि उन्हें कास्ट किए गए पियर कैप्स पर भारी मशीनरी का उपयोग करके लॉन्च किया जा सके।
सुपरस्ट्रक्चर के लिए अधिकांश गर्डर्स फुल स्पैन 40 मीटर लंबे होंगे, हालांकि, उन स्थानों के लिए जहां साइट की कमी है, प्रीकास्ट सेगमेंट की सेगमेंटल लॉन्चिंग का उपयोग किया जाएगा। सेगमेंटल गर्डर की तुलना में फुल स्पैन गर्डर को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि फुल स्पैन गर्डर लॉन्चिंग की प्रगति सेगमेंटल गर्डर लॉन्चिंग की तुलना में दस गुना अधिक तेज होती है।
गर्डरों की ढलाई के लिए महाराष्ट्र में शिल्फाटा और गुजरात-महाराष्ट्र सीमा के बीच एलाइनमेंट पर 13 कास्टिंग यार्ड विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 3 (सेगमेंट कास्टिंग के लिए 2 और फुल स्पैन बॉक्स गर्डरों के लिए एक) अभी चालू हो चुके हैं।
गुणवत्ता के साथ गर्डरों की शीघ्र ढलाई के लिए, प्रत्येक कास्टिंग यार्ड में रिबार केज बनाने के लिए जिग्स, हाइड्रॉलिक रूप से संचालित प्रीफैब्रिकेटेड मोल्ड्स के साथ कास्टिंग बेड, बैचिंग प्लांट, एग्रीगेट स्टैकिंग क्षेत्र, सीमेंट साइलो, गुणवत्ता प्रयोगशाला और वर्कमैन कैंप जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
फुल स्पैन प्री-कास्ट बॉक्स गर्डरों को स्ट्रैडल कैरियर, ब्रिज लॉन्चिंग गैंट्री, गर्डर ट्रांसपोर्टर और लॉन्चिंग गैंट्री जैसी भारी मशीनों का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के लिए गर्डरों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, बॉक्स गर्डरों को पहले से ही कास्टिंग यार्ड में ढाला जाएगा और व्यवस्थित तरीके से स्टैक किया जाएगा।
अप्रैल 2021 से एलाइनमेंट के गुजरात खंड में भी इसी तरह की तकनीक का उपयोग किया गया हैं, जहां 255 किलोमीटर वायाडक्ट निर्माण के साथ निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गई है। महाराष्ट्र खंड में कुल 135 किलोमीटर एलिवेटेड खंड है जिसमें उल्हास, वैतरणा, जगानी और खरबाओ आदि 4 प्रमुख नदी पुल, राष्ट्रीय राजमार्गों, डीएफसीसी और भारतीय रेलवे लाइनों आदि पर 11 विशेष पुल/क्रॉसिंग, ठाणे, विरार, बोईसर में तीन बुलेट ट्रेन स्टेशन और 7 पर्वतीय सुरंगें शामिल हैं।