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मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए ऐनिमल पैसेज का निर्माण

मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए ऐनिमल पैसेज का निर्माण

बड़े पैमाने की अवसंरचना परियोजनाएं उन शहरों के विकास एवं प्रगति को चिह्नित करती हैं, जिनमें वे मौजूद होती हैं। लेकिन, कभी-कभी, निर्माण कार्य एवं इसकी शुरुआत से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। एम.ए.एच.एस.आर. कॉरिडोर के संदर्भ में, उत्तर-पश्चिमी महाराष्ट्र स्थित वन्यजीवों के कुछ पारिस्थितिक हॉटस्पॉट - संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एस.जी.एन.पी.), तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य (टी.डब्ल्यू.एस.) - जहां से हाई-स्पीड ट्रेन का संरेखण होगा, इस परियोजना की वजह से प्रभावित न हो इसके लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

मुंबई के पास स्थित होने की वजह से, इस क्षेत्र को यहां शुरु की जाने की तीन प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं - एम.ए.एच.एस.आर. कॉरिडोर, दिवा-पनवेल रेलवे लाइन, डी.एफ.सी.सी.आई.एल. ट्रैक और एम.एम.आर.डी.ए. द्वारा नियोजित आगामी एक्सप्रेसवे - के लिए चुना गया है। ये सभी 80-एस.जी.एन.पी. और टी.डब्ल्यू.एस. के बीच 100 मीटर के रास्ते पर स्थित हैं।

हालांकि, इस क्षेत्र के आसपास के शहरों में रहने वाले लोगों के लिए यहां का विकास होना अच्छी बात है, लेकिन बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों से वन्यजीवों का विस्थापन भी होगा। इस परियोजना से जुड़े कई हितधारकों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के बाद, अंडरपास और ओवरपास के साथ एक ऐनिमल  पैसेज बनाने का निर्णय लिया गया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में वन्यजीवों की आवाजाही के लिए सुगम मार्ग प्रदान करेगा। 30 मीटर की चौड़ाई वाला ओवरपास, मौजूदा दिवा-वसई लाइन, प्रस्तावित डी.एफ.सी.सी.आई.एल. लाइन और पी.डब्ल्यू.डी. रोड पर बनेगा और एम.ए.एच.एस.आर. लाइन और एम.एम.सी. वायडक्ट के नीचे होगा। इसका डिजाइन आसपास के क्षेत्रों की प्राकृतिक वनस्पति से मेल खाएगा और जानवरों को घर जैसा महसूस कराने हेतु इसपर चट्टानों, लकड़ी और जल निकायों जैसे घटकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

डब्ल्यू.ओ.पी. प्रवेश और निकास पूरी तरह से एस.जी.एन.पी. और टी.डब्ल्यू.एल.एस. सीमाओं के भीतर हैं, और पर्याप्त रोशनदान और अंदर की ओर मुड़े हुए अतिरिक्त शीर्ष भाग (0.5 मीटर) के साथ कम से कम 3 मीटर की ऊंचाई का बाड़ लगाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जानवर उस पर कूद न जाएं। क्षेत्र में अत्यधिक रोशनी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और उच्च गुणवत्ता वाले शोर अवरोधक लगाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शोर का स्तर जानवरों के लिए सुरक्षित परिवेश सीमा के भीतर रहे।

वन्यजीव गलियारे/डब्ल्यू.ओ.पी. में प्रवेश और निकास दोनों तरफ से पूरे खंड के संरक्षित क्षेत्रों के संबंधित नियंत्रण कक्षों से निगरानी तंत्र के साथ नेट से कनेक्ट किए गये सीसीटीवी निगरानी का भी प्रावधान होगा।

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और तुंगरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य के बीच निर्माण हेतु प्रस्तावित एनिमल पैसेज कॉरिडोर के लिए अनुमोदन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, महाराष्ट्र राज्य के कार्यालय द्वारा दिनांक 03/02/2021 के पत्र द्वारा प्रदान किया गया था। अनुमोदित योजना को कार्यान्वयन एजेंसी, डी.एफ.सी.सी.आई.एल. के साथ साझा किया गया है।

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वन्यजीव एनिमल पैसेज का चित्रात्मक निरूपण

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वन्यजीव एनिमल पैसेज का भूतल दृश्य