हाई स्पीड रेलवे के सफल संचालन का सबसे महत्वपूर्ण घटक अच्छी तरह से विकसित एवं उन्नत रखरखाव प्रणाली है। एम.ए.एच.एस.आर. में स्थित हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक के रखरखाव हेतु एम.ए.एच.एस.आर. कॉरिडोर में तीन (3) रखरखाव डिपो होंगे। ये डिपो सूरत, ठाणे और साबरमती में स्थित होंगे।
क्षेत्रवार,सूरत डिपो लगभग 38 हेक्टेयर में फैला सबसे छोटा डिपो होगा।उसके बाद ठाणे डिपो लगभग 58 हेक्टेयर में फैला है और सबसे बड़ा साबरमती डिपो है जो लगभग 82 हेक्टेयर में फैला है।
ठाणे डिपो और सूरत डिपो में ट्रेनों के दैनिक रुप से निरीक्षण, नियमित निरीक्षण तथा अनिर्धारित रखरखाव करना संभव होगा। रोलिंग स्टॉक के दैनिक एवं नियमित निरीक्षणों और अनिर्धारित रखरखाव के अलावा, साबरमती डिपो में बोगी और सामान्य ओवरहालिंग की सुविधाएं भी होंगी।
एम.ए.एच.एस.आर. के सभी तीन डिपो में वर्षा के जल की संचयन प्रणाली, अपशिष्ट जल की प्रशोधन प्रणाली, अति कुशल जल फिक्स्चर का उपयोग, सौर पैनल आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी।
जी.आई.टी. का उपयोग एम.ए.एच.एस.आर. मार्गरेखा पर स्थापित ट्रैक, बिजली आपूर्ति, सिग्नलिंग (संकेतन) और दूरसंचार प्रणाली के प्राचल को मापने तथा निरीक्षण करने हेतु किया जाएगा। यह ट्रैक, बिजली आपूर्ति, सिग्नलिंग (संकेतन) और दूरसंचार अवसंरचना में किए जाने वाले आवश्यक निवारक रखरखाव हेतु इनपुट के रूप में कार्य करेगा।
जी.आई.टी. 6 कारों का होगा, और 320 किमी/घंटा की अधिकतम परिचालन गति से संचालित किए जा सकने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा।
जी.आई.टी. में ट्रैक, बिजली आपूर्ति, सिग्नलिंग (संकेतन) और दूरसंचार प्रणाली के माप उपकरणों की स्थापना हेतु समर्पित माप कमरे होंगे। इसमें माप के कर्मचारियों के लिए कुर्सियों और मेजों सहित बैठक का उचित स्थान उपलब्ध होगा। जनरल इंस्पेक्शन ट्रेन में ट्रेन के पटरी से उतरने (डिरेलमेंट) या इस तरह की घटना होने पर तत्काल मरम्मत हेतु इस्तेमाल होने वाले बचाव उपकरणों के लिए भी जगह होगी।